मध्य प्रदेश में कोरोना में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से सैकड़ों ऐसे परिवार भी हैं जिनकी वजह से बच्चे अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों में से करीब 50 को दीपावली पर शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी ने सीएम हाउस में आमंत्रित किया था। इन बच्चों को अपने माता-पिता की दीपावली पर कमी महसूस नहीं हो, इसके लिए उन्हें सीएम हाउस मेंं अपने साथ दोपहर का खाना खिलाया। इसके पूर्व सभी आमंत्रित बच्चों को उन्होंने गुलाब का फूल भेंटकर स्वागत किया और उनकी दीपावली मनाने के लिए सभी बच्चों के साथ दीपक जलाया। हरेक बच्चे को सीएम और उनकी पत्नी ने दीपक जलवाकर उनकी दीपावली मनवाई। इसके बाद सीएम और उनकी पत्नी ने उन्हें टेबल पर उनकी पसंद का खाना खिलाया।
सीएम ने बच्चों को कहा लक्ष्य पर ध्यान रखें और कथनी करनी में अंतर नहीं आने दें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमंत्रित बच्चों को इस मौके पर दोर्णाचार्च और गांधी के दो किस्से सुनाए। उन्होंने कहा कि दोर्णाचार्य ने अपने शिष्यों को एक पेड़ पर मछली की आंखों में तीर का निशाना लगाने का लक्ष्य दिया था लेकिन अर्जुन को छोड़कर किसी ने भी अपने लक्ष्य पर पूरा ध्यान नहीं दिया। इसलिए जो भी आप लक्ष्य तय करें, उसी पर फोकस रखें। इसी तरह कथनी और करनी में अंतर नहीं रखना चाहिए, तभी व्यक्ति बड़ा होता है। इसको लेकर महात्मा गांधी के किस्से को बताया कि एक बार उन्हें एक व्यक्ति का एक आदत को छुड़वाना था लेकिन वह कमी उनमें भी थी। इसलिए उऩ्होंने कुछ समय में जब अपनी आदत बदल ली तब उसे वह काम करने से रोका।
1365 अनाथ बच्चों को दिया जा रहा लाभ
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कोरोना में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को गंवाया था, उनमें से करीब 1365 बच्चों को सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री कोविड बाल योजना में यह लाभ बच्चों को दिया जा रहा है। इसके लिए 1045 आवेदन सरकार को मिले थे जिनमें से 945 के आवेदन स्वीकृत हुए थे। इसके तहत 1365 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा रहा है।
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