राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सिग्नल सिंक्रोनाइजेशन की तैयारी है।

राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सिग्नल सिंक्रोनाइजेशन की तैयारी है। लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसी है कि शहर में ट्रैफिक सिग्नल्स में से आधे बंद पड़े हैं।


लिहाजा लोगों को इन सिग्नलों पर लगने वाले जाम से जूझना पड़ रहा है। वाहन बेतरतीब ढंग से गुजरते हैं। इससे हादसों का अंदेशा हमेशा बना रहता है। हालांकि बंद सिग्नल पाइंटों (चौराहा-तिराहा) पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है। लेकिन, एक हजार से ज्यादा वाहनों की आवाजाही से ये व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। राजधानी में ऊर्जा विकास निगम द्वारा लगाए गए सिग्नल सबसे ज्यादा बंद हैं। कारण यह है कि इन सिग्नलों का मेंटेनेस करने वाली कंपनी का अनुबंध खत्म हो चुका है। इसके अलावा नगर निगम ने इन सिग्नलों का अभी जिम्मा नहीं लिया है। लिहाजा इनका मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा।

बता दें कि शहर में चार कंपनियां ट्रैफिक सिग्नल के मेंटेनेंस का काम देखती हैं। बावजूद इसके ट्रैफिक सिग्नल्स का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।

शिकायत की भी नहीं व्यवस्था

राजधानी में पब्लिक सेक्टर से जुड़ी सभी सेवाओं में शिकायत व समस्या के लिए टोल-फ्री नंबरों की व्यवस्था की गई है। इनमें बस सेवा, बिजली कंपनी, रसोई गैस, नगर निगम द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं शामिल हैं, लेकिन ट्रैफिक जाम लगने या सिग्नल बंद होने की स्थिति में लोगों के लिए ऐसी किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। लिहाजा पाइंट पर तैनात किए गए पुलिसकर्मियों के माध्यम से ही सिग्नल संबंधित सूचनाएं कंपनी तक पहुंचाई जाती हैं।

Post a Comment

0 Comments