30 एवं 31 जनवरी को भोपाल की सभी तहसीलों में राजस्व रिकॉर्ड सुधार के शिविरों का आयोजन

राजस्व महाअभियान के अंतर्गत भोपाल को प्रदेश का मॉडल जिला बनाया जाएगा - कलेक्टर श्री सिंह

30 एवं 31 जनवरी को भोपाल की सभी तहसीलों में राजस्व रिकॉर्ड सुधार के शिविरों का आयोजन


कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार को टीएल बैठक में राजस्व अभियान की समीक्षा कर एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों की वन टू वन समीक्षा की। समीक्षा के दौरान भोपाल जिले में सभी एसडीएम एवं तहसील कार्यालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए एवं आदेशों की तामीली के लिए विशेष शिविर के आयोजन के निर्देश दिए। 


भोपाल जिले में सभी अनुविभागीय कार्यालय, तहसील में 30 और 31 जनवरी को राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, बंटवारा सहित अन्य आदेशों की तामीलों के लिए विशेष कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत 30 जनवरी को गोविन्दपुरा, भोपाल शहर टीटीनगर तहसील कार्यालय में एवं 31 जनवरी को बैरसिया एमपीनगर, हुजूर, कोलार तहसील कार्यालय में कैम्प आयोजित कर आदेशों के दुरूस्तीकरण का कार्य किया जाएगा। 


कलेक्टर श्री सिंह ने राजस्व अभियान के अंतर्गत भोपाल जिले में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज लंबित अविवादित नामांतरण, सीमांकन, नक्शे में तरमीम आदि प्रकरणों की जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार के कोर्ट में प्रकरणों की लंबित संख्या पर नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि राजस्व अभियान के पूर्ण होने के पूर्व भोपाल जिले को लंबित प्रकरणों की संख्या शून्य लाना है और एक मॉडल प्रस्तुत करना है कि भोपाल जिला राजस्व के कार्य में प्रदेश में बेहतरीन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिन सभी एसडीएम राजस्व प्रकरणों के संबंध में अभियान चलाकर लंबित प्रकरणों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण करें। 


उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण बिना किसी बाजिव कारण के खारिज नहीं किया जाना है। एसडीएम एवं तहसीलदार के द्वारा पारित आदेश का पटवारी अगर समय-सीमा में निराकरण नहीं करते है तो यह आपराधिक कृत्य माना जाएगा। सभी एसडीएम अपने - अपने अनुविभाग के अंतर्गत तसहीलदार, नायाब तहसीलदार के साथ मिलकर आरसीएमएस एवं लंबित प्रकरणों का समय-सीमा निराकरण करवाएं। 


कलेक्टर श्री सिंह कहा कि लोकसेवा केन्द्र प्रबंधन द्वारा राजस्व से संबंधित दी जाने वाली सेवाओं का समय-सीमा में यदि निराकरण नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी की वेतन से 250 प्रतिदिन या अधिकतम 5 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि हितग्राही को दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी यदि समय-सीमा में लंबित प्रकरण का निराकरण नहीं करते है तो लोक सेवा प्रबंधन गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी अपर कलेक्टर को निर्देशित किया कि अपने - अपने परिक्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारियों से प्रतिदिन राजस्व अभियान की प्रगति की लें।


कलेक्टर श्री सिंह ने टीएल बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागों में लंबित सीएम हेल्पलाइन का स्वयं मॉनीटरिंग करें और संबंधित आवेदक से चर्चा कर संतुष्टिपूर्वक निराकरण करें। कलेक्टर श्री सिंह ने कई विभागों की सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का रेण्डमली परीक्षण किया। अधिकारी के द्वारा दर्ज जबाब संतुष्टिपूर्वक न होने पर नाराज़गी ज़ाहिर की। 


बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री ऋतुराज सिंह, एडीएम श्री हरेन्द्र नारायण, श्री भूपेन्द्र गोयल, सुश्री अंकित धाकरे सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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